हम सब कहीं न कहीं किसी बच्चे को कहीं काम करते हुए देखते हैं, और हमारे मन में यह विचार भी आता है की य... हम सब कहीं न कहीं किसी बच्चे को कहीं काम करते हुए देखते हैं, और हमारे मन में यह ...
कहीं गुम सी हो गई इस ज़िन्दगी में, आज साथ है तो बस बचपन की यादें कहीं गुम सी हो गई इस ज़िन्दगी में, आज साथ है तो बस बचपन की यादें
कि उसकी आत्म जागीर किसी सनामी-अनामी- गुमनामी की मोहताज नहीं। कि उसकी आत्म जागीर किसी सनामी-अनामी- गुमनामी की मोहताज नहीं।
मैं खुद को अब आईने में पहचान नहीं पाती। मैं खुद को अब आईने में पहचान नहीं पाती।
अपना आशियाना बनाते नज़रों से दूर सितारों में बस जाते। अपना आशियाना बनाते नज़रों से दूर सितारों में बस जाते।
बेरंग सी ज़िन्दगी भी रंगीन हुई, सादे जीवन में भी स्वाद आया। बेरंग सी ज़िन्दगी भी रंगीन हुई, सादे जीवन में भी स्वाद आया।